Wednesday, July 7, 2021

भारत सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार एवम् बदलाव

दिनांक ०७/०७/२०२१ को रायसीना पहाड़ी पर स्थित राष्ट्रपति भवन में हुई बैठक में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सलाह पर भारत सरकार के मंत्रि मंडल में अपेक्षित विस्तार एवम् विशिष्ट बदलाव किए :-

प्रथम:- ४३ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।

द्वितीय:- मंत्रिपरिषद में कुल ११ औरतों को जगह दी गई।

तृतीय:- १२ मंत्रियों ने त्यागपत्र दिया।



Sunday, June 6, 2021

उत्तर प्रदेश का पतन

        ||उत्तर प्रदेश के पतन के चार वर्ष ||


जब वर्तमान सरकार को प्रदेशवासियों ने ३१५ सीटों से विजई बनाया तो उन्हें लगा कि यह नेतृत्व प्रदेश की आधार भूत समस्याओं का शीघ्र निवारण करेगा और विकास की गति को तीव्रता दी जाएगी, क्योंकि २०१७ के चुनाव में भाजपा का मूल मुद्दा तीव्रगामी एवम् सतत विकास के साथ प्रदेश की आधार भूत समस्याएं ही था। क्योंकि प्रदेशवासियों ने BJP को केंद्र में भी ८०% बहुमत दिया तो यह सहज भी था।                                                                      आज ४ वर्षों बाद जब हम प्रदेश को देखते हैं तो हमारी आधारभूत समस्याएं वहीं की वहीं खड़ी होती हैं।


१. सामूहिक नेतृत्व की समस्या :- प्रदेशवासियों ने चार वर्ष पहले सोचा था कि केंद्र और राज्य साथ मिलकर प्रदेश में सबका साथ सबका विकास को लेकर तीव्रता से अपने पथ पर अग्रसर होगा, लेकिन हम आज भी उसी समस्या में उलझे हैं। भाजपा स्वयं आज कुछ जातियों पार्टी बन कर रह गई और जातिवादी मानसिकता वालों को नेतृत्व में सर्वोच्चता दे दी गई। जातियों ने भाजपा में जिला एवम् विधान सभा स्तर तक अपना प्रभुत्व दिखाना प्रारंभ कर दिया। अर्थात पिछले ४ वर्ष के शासन के बाद प्रदेश से जातिवाद नहीं समाप्त हुआ बल्कि BJP में जातिवाद बढ़ गया। इससे BJP के दृढ़ वोटबैंक के लोगों ने भी असंतोष और विद्रोह का मन बना लिया।

२. न्याय व्यवस्था :- प्रदेश के नेतृत्व कर्ता से लेकर प्रशासन प्रहरी भी अराजकता फैलाते पाए गए। जो लोग राष्ट्रवाद की बड़ी बड़ी बातें कर रहे थे वही अपहरण, बलापराध, बलात्कार, फिरौती इत्यादि का समर्थन कर रहे थे। महोबा फिरौती में एसपी का साथ, उन्नाव में हुए अक्षम्य अपराधी का साथ प्रदेश का शीर्ष नेतृत्वकर्ता ही देता हुआ पाया गया। विवेक तिवारी एप्पल मैनेजर की हत्या, जौनपुर जेल कांड, मुजफ्फरनगर एवम् गाजियाबाद का हिंदू मुस्लिम दंगा इत्यादि अनेक मामले प्रशासन की सेवा का काला इतिहास बन कर रहेंगी। इससे सिद्ध होता है कि भाजपा नेतृत्व न्याय व्यवस्था स्थापित करने में पूर्णतः विफल रहा।

३. युवाओं की समस्याएं :- प्रदेश की युवा शक्ति का जितना क्षय पिछले ४ वर्षों में हुआ उतना स्वतंत्र भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ। युवाओं को बड़े बड़े सपने, १ट्रिलियन डॉलर GDP और क्षदम राष्ट्रवाद के सपने दिखाए गए, बदले में उनसे उनके रोजगार और सपनों को छीन लिया गया। पिछले ३१वर्षों का इतिहास देखें तो पिछले ४ वर्षो में सबसे धीमी GDP विकास दर रही। कोरोना महामारी से पहले से ही वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं की नौकरियों को समाप्त कर दिया गया था । ४ वर्षों में सरकार केवल ५५००० सिपाही भर्ती ही कर सकी। प्रदेश सरकार उच्चन्यायालय द्वारा लाई गई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी आज तक पूरा नहीं कर सकी। पिछले ९ वर्षों में अखिलेश सरकार के ५ वर्षों में NSDP सूचकांक पर प्रदेश ने (प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष) ₹३२०००से ₹५८००० (₹२६०००/-) की वृद्धि हुई थी। जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार के पिछले ४ वर्षों में ₹५८०००से ₹६५००० मात्र   ₹७०००/- की ही वृद्धि हुई है। ऐसा विकास सरकार ने तब किया है जब केंद्र और राज्य दोनों में सरकार का भारी बहुमत है, यदि ऐसा नहीं होता तो सरकार ने प्रदेश को पाषाण युग में ढकेल देना था। क्या यह सरकार लोगों के मुंह से उनके भोजन को छीन कर १ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएगी। इससे सिद्ध होता है कि सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है कि प्रदेश का विकाश कैसे होता है या कैसे होगा, उनका एक मात्र अर्थ है चुनाव जीतना।

निष्कर्ष:- सरकार ने उन्ही वादो को ऊपरी आडंबर करके ढका जो उनको लोकसभा में स्वस्थ बहुमत तक ले जा सके। प्रदेश सरकार ने कभी प्रदेश सरकार की उपाधि से कोई निर्णय ही नहीं लिया, वह केवल केंद्र सरकार की अधीनस्थ बन कर रह गई। आंकड़े बताते हैं कि सरकार द्वारा प्रदेश का विकास कराने का सपना केवल दिवास्वप्न ही था। छद्मराजनीती से सत्ता प्राप्ति के लिए सरकार ने केवल प्रदेशवासियों का शोषण ही किया, विकास को पाताल लोक में भेज दिया और युवाओं के सपनों को छीन लिया। बिना रोजगार के उसी अर्थव्यवस्था ने विकास किया जिसमें नरसंहार हुए। वर्तमान सरकार द्वारा किए गए वादे केवल गिरगिट का रंग ही थे। अब आचरसंहिता लगने में कुछ १०महीने शेष हैं। देखना होगा कि क्या सरकार अपने किस वादे को पूरा करके चुनाव का अधिकार पत्र बनाती है।